Friday, 3 September 2021

 बाबा फरीद ने पंजाबी में क्या खूब कहा है -

वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली, (कबर)

मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली; (लाश)

मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे, (इंसान)

अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे (जिस्म)

ना कर बन्दया मेरी मेरी, (पैसा)

ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी; (खाली जाना)

चार दिना दा मेला दुनिया, (उम्र)

फ़िर मिट्टी दी बन गयी ढेरी; (मौत)

ना कर एत्थे हेरा फेरी, (पैसे कारन झुठ, धोखे)

मिट्टी नाल ना धोखा कर तू, (लोका नाल फरेब)

तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी; (इंसान)

जात पात दी गल ना कर तू,

जात वी मिट्टी पात वी मिट्टी, (पाखंड)

जात सिर्फ खुदा दी उच्ची,                    

 बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी।।

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